वो हमारी जान भी लेलें तो कोई बात नहीं,
अगर हम मुंह खोलें तो हंगामा
वो झूठ की महफिल सजाएं तो कोई बात नहीं,
अगर हम सच बोलें तो हंगामा
अपने झूठ का खंडन वो करदें तो कोई बात नहीं,
अगर हम कुछ बोलें तो हंगामा
जब जनता फंसाती है उनको तो दोष हमको देते हैं,
अगर हम खंडन कर दें तो हंगामा