ये ज़िन्दगी सँवर जाये, अगर तो अपने पास हों,
शामो सहर बदल जाएँ, अगर तो अपने पास हों !
ठहरी हैं उदासियाँ जो आंखों में हमारी दोस्तो,
होगा खात्मा उनका भी, अगर तो अपने पास हों !
महकता है #गुलशन भी मौसम के हिसाब से ही,
वेवक़्त महकेगा वो भी, अगर तो अपने पास हों !
तन्हाइयों की ज़िन्दगी भी क्या ज़िन्दगी है यारो,
जमेंगी फिर से महफ़िलें, अगर तो अपने पास हो !
निरी उलझनों का सामान है ये ज़िन्दगी भी दोस्त ,
सुलझेगी हर उलझन भी, अगर तो अपने पास हों !!!