जहाँ जुबां चुप रहती है, आंसू बयाँ कर जाते हैं
वो बहते बहते भी, दर्द ए दिल बयाँ कर जाते हैं
इन आँसुओं की तकदीर भी अजीब है,
बहते हैं उनके लिये, जो दिल से दगा कर जाते हैं...

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