क्यों लगी है आग सी आज इन हवाओं में
जल रहा है तन बदन आज इन फिज़ाओं में
दिल्लगी को प्यार समझ बैठे हम उनका
फस गया बेचारा दिल उनकी हसीं अदाओं में
रहेंगे पास तो सतायेगी याद उनकी
अब छोड़ देंगे शहर हम उनकी दी सजाओं में
क्यों लगी है आग सी आज इन हवाओं में
जल रहा है तन बदन आज इन फिज़ाओं में
दिल्लगी को प्यार समझ बैठे हम उनका
फस गया बेचारा दिल उनकी हसीं अदाओं में
रहेंगे पास तो सतायेगी याद उनकी
अब छोड़ देंगे शहर हम उनकी दी सजाओं में