Shanti Swaroop Mishra

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Aurat ko kaisa sila mila

वो औरत है जिसने हमको, दुनिया में लाने का काम किया
वो औरत ही है जिसने हमको, भाई होने का सौभाग्य दिया
भूखे पेट सो गयी माता, पर हमको तो भर पेट खिलाया
रात रात भर जागी मां, पर लोरी गा गा कर हमें सुलाया
इस पूज्यनीय औरत ने ही, सम्पूर्ण सृष्टि का सृजन किया
वो ना होती तो कुछ ना होता, इस दुनिया पर अहसान किया
ये औरत ही किसी की भगिनी है,औरत ही किसी की पत्नी है
ये औरत ही मां की ममता है, ये औरत ही किसी की बेटी है
ममता की मूरत इस नारी ने, हमको जीवन का संदेश दिया
नफ़रत, गुलामी,जुल्मो सितम, ना सहने का अनुदेश दिया
कुछ पापी, दुष्ट, दुराचारी, इसकी महिमा को भूल गए
उसके सम्मान को तार तार कर, अपनी मर्यादा भूल गए
किसी ने इसकी अस्मत लूटी,किसी ने जला कर मार दिया
कुछ पापी मां बापों ने, इसे बस्तु समझकर बेच दिया
इस उपकार के बदले में ,औरत को तो कुछ भी न मिला
भूखे रहना, खून पिलाना, इस ममता को कैसा सिला मिला

Fir Bhi Main Khamosh Raha

मैं तो बस एक बुत हूँ जिसमें कोई भी अहसास नहीं
कितने तूफ़ां गुज़र गये मुझे इसका भी आभास नहीं
कितनों ने मुझ पर कूड़ा फैंका कितनों ने आघात किये
फिर भी में खामोश खड़ा सब देख रहा संताप लिये
कितनों ने मुझको प्यार दिया कितनो ने नफरत से देखा
सब भूल गया, कुछ याद नहीं, कुछ रखा नहीं मैने लेखा :(

Rishte Banane Main Umar Lagti Hai

रिश्तों का महल बनाने में, उम्र गुजर जाती है
पर बेरुखी की आँधी, इसे झट से निगल जाती है
मेहनत से बने इस महल को, यूं न ढहने दीजिये
आंधियां तो आती हैं, इसे निशाना न बनने दीजिये

Ab Waqt Badal Gaya Hai

नहीं रहे वो दिन जब बच्चे, बड़ों का वचन निभाया करते थे
स्थिति चाहे जैसी भी हो, उनका हर कथन निभाया करते थे
इस बदले वक़्त ने ये सब भुला दिया,
हम बुज़ुर्ग कभी इन बच्चों के, हर धरम निभाया करते थे

समय बदल गया, अब अपने को, आगे ज्यादा मत कीजिये
अपनी सन्तान के बल पर, किसी से कोई वादा मत कीजिये
आपकी शान बचे न बचे कुछ पता नहीं,
बेहतर यही है कि, अपनों के भरोसे कोई इरादा मत कीजिये

Duniya Mein Jazbaat Ki Kadar Nahi

पत्थर की है ये दुनिया, यहाँ जज्बातों की कदर नहीं
दिल में मेरे तूफान मचा है, इसकी किसी को #खबर नहीं
बुतों के जंगलों में फंस गया हूँ मैं ,
किधर निकलूं किधर जाऊं, दिखती कोई डगर नहीं.. :(