184 Results
ये न पूछना की,
ये अल्फ़ाज़ कहाँ से लाता हूँ...
कुछ चु
राता हूँ #दर्द दूसरों के,
कुछ अपनी सुनाता हूँ....
View Full
गुज़रती है जिनके ज़िगर पर आँखों से नहीं रोते
वो घुट घुट कर मरते हैं और दिन
रात नहीं सोते
View Full
कोई तो कुछ पा कर हँसता है,
तो कोई कुछ खो कर रोता है
कोई तो
रातों को तारे गिनता,
तो कोई नींद चैन की सोता है
View Full
पंडित जी हवन करते समय एक
चम्मच घी आग में ङालते और
एक चम्मच घी अपने ङिबबे मे ङालते जा रहे थे!
View Full
जाने क्यूँ #लोग ये #एहसास दिलाते है,
हूँ मैं #अजनबी फिर क्यूँ #दिल को दुखाते है !!!
View Full
ठंड में सबसे बड़ी समस्या...
आधी
रात को यही सोचने में
निकल जाती है कि,,,
कम्बल लम्बा किधर से है
View Full
जिस शख्स में हमदर्द तलाशती हैं मेरी नज़रें
वो ही क्यूँ दर्द बाँट जाता है ?
View Full
ना पूछिये कि ये ज़िन्दगी कैसे गुज़री
हमारी वो सहर ओ शाम कैसे गुज़री
मुद्दत गुज़र गयी यूं डूबते उछलते
View Full
#शायरों की हर बात निराली होती है,
#दिल को छूँ जाए वो #बात निराली होती है...
दिन में #गमों की #होली,
View Full
हमने तो हर वक़्त, तेरी हर बात मानी थी
तुमने दिन को
रात कहा, तो
रात मानी थी !
View Full