66 Results
साजिशों की दुनिया में, सिर्फ चेहरे बदलते हैं!
हम जिधर भी जाते हैं,
दुश्मन साथ चलते हैं!
View Full
कभी कभार ज़िन्दगी, हमें आँख दिखा देती है
पर उसकी ये धमकी, हमें जीना सिखा देती है
View Full
खुशियों का
दुश्मन, जमाना क्यों बन बैठा !
जिसको भी चाहा, वही बेगाना क्यों बन बैठा !
View Full
कभी ख्वाहिशों ने, फंसाया ज़िन्दगी को
तो कभी ज़रूरतों ने, रुलाया ज़िंदगी को !
View Full
रहना है इस शहर में, तो अपनी फितरत बदल डालो
#अजनबी शहर में, अपनी झूठ की इबारत बदल डालो
View Full
कभी ख़ारों, तो कभी फूलों की तरह दिखता है आदमी !
कभी अंधेरों, कभी उजालों की तरह दिखता है आदमी !
View Full
दिल खोल के रख देना, ये फितरत है हमारी,
न आये गम कभी अपनों पे, हसरत है हमारी
View Full
कभी जलते थे दीप खुशियों के, अब अँधेरा हो गया,
अब तो किसी से प्यार करना, जी का झमेला हो गया !
View Full
चेहरे पे ग़म, दिल में रुसबाइयां दे गया कोई !
जाते जाते भी, आँखों में रुलाइयां दे गया कोई !
View Full
रूठे गर जमाना भी, तो मना लेंगे हम,
भड़कते हैं शोले भी, तो बुझा देंगे हम !
अपनों का साथ हो तो ग़म कैसा यारो,
View Full