17 Results
थके हुए राही को मंज़िल की आश चाहिए ,
खो दिया जो हमने वो विश्वास चाहिए,
बर्बाद होते देश को बचाने की खातिर ,
View Full
दर्द ए दिल मैं अपना, बताऊँ किस तरह,
मैं तराना ज़िंदगी का, सुनाऊँ किस तरह !
View Full
एक मुसाफिर हूँ यारो, कोई तो साथ दे दो,
थोड़ी सी देर को, #मोहब्बत की छांव दे दो !
View Full
कान्धे पर लिये झोला जाने लगे बाजार
लाना था घर के लिए सब्जी भाजी अचार।
तभी श्रीमती जी आईं देख मुझे इठलाईं
View Full
काम पर से
थक हार कर घर आया, सोफे पर बैठ गया।
View Full
हमने तो इन हाथों की, हर लकीर मिटा डाली,
अपने ही हाथों से, अपनी तक़दीर मिटा डाली
View Full
हो के मायूस यूँ ना शाम की तरह ढलते रहिये,,,
#ज़िंदगी एक भोर है #सूरज की तरह निकलते रहिये,,,
View Full