20 Results
तुम लाख छिपा लो #सीने में,
एहसास हमारी #चाहत का...
कही तुम भी ना बन जाना,
किस्सा किसी #
किताबों का...
View Full
खुशियों का दुश्मन, जमाना क्यों बन बैठा !
जिसको भी चाहा, वही बेगाना क्यों बन बैठा !
View Full
बड़ा ज़ुर्म करता हूँ कि, मैं ख्वाब देखता हूँ !
दिल के टूटे टुकड़ों का, मैं हिसाब देखता हूँ !
View Full
आदमी के तजुर्बों की, एक
किताब है ज़िन्दगी,
उसकी ख़ुशी और ग़मों का, हिसाब है ज़िन्दगी !
View Full
रात को
किताब मेरी मुझे देखती रही,
नींद मुझे अपनी ओर खींचती रही,
नींद का झोंका मेरा मन मोह गया
View Full
रंगा है उनका खंज़र भी, मेरे ही खून से !
कर गए वो क़त्ल मेरा, बड़े ही सुकून से !
नहीं था पता कि क़ातिलों की गली है ये,
View Full
कुछ सालों बाद ना जाने क्या होगा,
ना जाने कौन दोस्त कहाँ होगा...
फिर मिलना हुआ तो मिलेगे यादों में,
View Full
उनको तो हमारे, अहसानो वफ़ा याद नहीं !
हम मुज़रिम हैं उनके, मगर दफ़ा याद नहीं !
View Full
कल एक
किताब में पढ़ा था कि ..
"खुश रहना है तो बीवी से बात करो "
इसलिऐ आज दो लोगों की
View Full
मेरी ज़िंदगी एक बंद
किताब 📗 है,
जिसे आज तक किसी ने खोला 📖 नहीं,
जिसने भी खोला उसने पढ़ा नहीं,
View Full