42 Results
वादा कर लेते हैं, निभाना भूल जाते हैं
लगाकर आग बुझाना भूल जाते हैं
ये तो
आदत हो गई है अब उनकी रोज़
View Full
बादलों के दरमियान कुछ ऐसी साज़िश हुई
मेरा मिटटी का घर था वहां ही बारिश हुई
View Full
आरजू की थी इक आशियाने की
आंधियां चल पड़ी ज़माने की
मेरे ग़म को कोई समझ ना पाया
View Full
ज़माने में सभी प्यार करते हैं.!
मैने कर लिया तो गुनाह किया.!!
लोग इश्क़ तो में जीते-मरते हैं.!
View Full
प्यार की दास्तां, किसी से भला क्या कहिये
खुदगर्ज़ दुनिया से, अपने अज़ाब क्या कहिये
View Full
हर किसी को दिल की चाहत मत समझ लेना
उसको अपनी आखिरी मंज़िल मत समझ लेना
कहीं हंस कर मिलना फितरत न हो किसी की
View Full
मत लपेटो कफ़न से चेहरा, आँखें खुली रखने की
आदत है
देखता हूँ आ जायें वो शायद, या अब भी कोई अदावत है
View Full
तन्हाईयों की ज़िंदगी अच्छी नहीं लगती
उनके बिना भीड़ भी अच्छी नहीं लगती
आदत नहीं मुझे उनके बिन रहने की,
View Full
एक व्यक्ति की
आदत थी की वो रोज़ सुबह
मिलने वाले हर किसी को नमस्ते कहता था...
View Full
किसी को भूल जाना हमारी फ़ितरत नहीं
किसी का दिल दुखाना हमारी
आदत नहीं
कोई चाहे या न चाहे ये उसकी मर्जी ,
View Full