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Apno ko sansar samajh baithe

हम तो अपनों को, अपना संसार समझ बैठे,
उन्हें ज़िन्दगी की नैया का, पतवार समझ बैठे !
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Zindagi ka fasana ban chuka

अपनी तो ज़िन्दगी का, बस फ़साना बन चुका है,
था दिल के क़रीब जो भी, वो बेगाना बन चुका है !
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Daulat kis kaam ki ?

दुनिया की सारी दौलतें भी, हैं भला किस काम की,
अपनों के बिन ये शौहरतें भी, हैं भला किस काम की !
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Kuch Logon Ki Aadat

कुछ लोगों को, बस कमियां गिनने की आदत होती है,
दूसरों के घर में, झाँक कर निकलने की आदत होती है !
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Kaisa Muqaddar Bna Diya

पूछूँगा विधाता से मैं, कि ये कैसा मुकद्दर बना दिया,
न बचा था ठौर कोई, जो आँखों को समंदर बना दिया !
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Chup Rehna Kamjori Nahi

मेरी चुप को, मेरी कमज़ोरी मत समझ लेना,
तुम अपने खयालात को, सच मत समझ लेना !
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Maut Ka Saaman Dhoondta Hai

न बची जीने की चाहत तो मौत का सामान ढूंढता है,
क्या हुआ है दिल को कि कफ़न की दुकान ढूंढता है
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Man ko na bhatakne do

हसीन राहों को देखा तो, बस चलता चला गया,
न कुछ सोचा न समझा, बस बढ़ता चला गया !
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Naaz Hai Un Veeron Par

नाज हमें है उन वीरों पर,जो मान बड़ा कर आये हैं
दुश्मन को घुसकर के मारा,शान बड़ा कर आये हैं...
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Padosi Ki Language Mein

बहुत उड़ा चुके शांति के कबूतर
आओ अब कुछ हथगोले बनाए...
जिस भाषा मे पड़ोसी समझ
उसे उसी की भाषा मे समझाए...
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