135 Results
जमीं पे रह कर, आसमां झुकाने की फितरत है मेरी !
जो न मिल सका किसी को, पाने की हसरत है मेरी !
View Full
जैसे कि रंग पहले थे, न दिख रहे हैं आजकल,
सितारे वो चाहत के, न दिख रहे हैं आजकल !
View Full
मैं तो बसता हूँ उनकी साँसों में मगर,
वो मंदिरों मस्जिदों में खोजते फिरते हैं !
View Full
हर एक चेहरे पर, मुस्कान मत खोजो,
किसी के नसीब का, अंजाम मत खोजो !
डूब चुका है जो गन्दगी के दलदल में,
View Full
मेरी शराफ़त ने ही, मुझको बर्बाद कर दिया,
अपना घर फूंक, औरों का आबाद कर दिया !
View Full
अमृत बता कर लोगों को, वो ज़हर बेच सकता है ,
अपनी जागीर बता कर, वो समंदर बेच सकता है !
View Full
यारो हम तो सपने ही, बस बुनते रह गए ,
बस व्यर्थ की बातों में, सर धुनते रह गए !
लोग तो आसमाँ तक भी घूम आये मगर,
View Full
दर्द ए दिल मैं अपना, बताऊँ किस तरह,
मैं तराना ज़िंदगी का, सुनाऊँ किस तरह !
View Full
अपने को अब भाती नहीं, शरारत किसी की,
अब तो समझ आती नहीं, इबारत किसी की !
View Full
अब इस भीड़ में घुटता है दम, चलो कहीं और चलें,
ढूंढनी है सर-सब्ज़ फ़िज़ा, तो चलो कहीं और चलें !
View Full